Kaal bhairav ki aarti jai bhairav deva काल भैरवजी की आरती

Kaal Bharav Aarti , काल भैरव की आरती : भगवान काल भैरव कौ भगवान शिव के रौद्र अवतार है। भैरव को आवेष अवतार के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु और शनि ग्रह का दोष होता है उन लोगों को काल भैरव देव की पूजा जरुर करनी चाहिए। बता दें कि हर साल मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि कौ भैरव जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान भैरव की आरती करने का विशेष लाभ होता है। आइए पढ़ते हैं काल भैरव की आरती।

भागवान काल भैरव की आरती
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा। जय काली और गौर देवी कृत सेवा।।
प्रभु जय भैरव देवा।।

तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिंधु तारक। भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक।।
जय भैरव देवा…

वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी। महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी।।
जय भैरव देवा।।

तुम बिन देवा, सेवा सफल नहीं होवे। चौमुख दीपक दर्शन से सब दुःख खोवे ॥
जय भैरव देवा।।

तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी। कृपा कीजिये भैरवजी, करिए नहीं देरी।।
जय भैरव देवा।।

पांव घुंघरू बाजत अरु डमरू दमकावत। बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत।
जय भैरव देवा।।

कालभैरवजी की आरती जो कोई जन गावे। कहे धरनी धर मानुष मनवांछित फल पावे।।
जय भैरव देवा।।