Kurukshetra Surya Grahan 2022: सूर्य ग्रहण के समय कुरुक्षेत्र में स्नान करने से मिलता है मोक्ष, श्रीकृष्ण पहुंचे थे यहां

Kurukshetra Surya Grahan 2022: 27 साल बाद साल 2022 का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण दिवाली के ठीक अगले दिन 25 अक्टूबर को मंगलवार को लगेगा। 25 अक्टूबर को शाम 2 बजकर 29 मिनट से शुरू होगा और शाम 6.32 मिनट तक रहेगा। सूर्ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 3 मिनट की है। सूर्यग्रहण के अवसर पर हरियाणा के शहर कुरुक्षेत्र में लाखों की संख्या में श्रद्धालु करने पहुंचते हैं। कुरुक्षेत्र के सरोवर में ग्रहण के दौरान स्नान करने का विशेष महत्व है। इसलिए इस अवसर पर कुरुक्षेत्र में लगने वाले सूर्यग्रहण मेले को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।

सरोवर में स्नान करने से होती है मोक्ष की प्राप्ति

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, सूर्य ग्रहण के दौरान कुरुक्षेत्र के कुंड में डुबकी लगाने से उतना ही पुण्य फल प्राप्त होता है, जितना अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य फल मिलता है। शास्त्रों के अनुसार, सूर्य ग्रहण के समय सभी देवी-देवता कुरुक्षेत्र में मौजूद रहते हैं और ब्रह्मसरोवर में स्नान करते हैं। मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के समय ब्रह्मसरोवर और सन्निहित सरोवर में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है।

श्रीकृष्ण पहुंचे थे कुरुक्षेत्र

शास्त्रों के अनुसार, द्वापर युग में सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान कृष्ण और राधा रानी कुरुक्षेत्र में आए थे। इसके साथ ही अंग, पांचाल, काशी, कौशल, वत्स आदि देशों के राजा-महाराज उस समय बड़ी संख्या में कुरुक्षेत्र पहुंचे थे। इसके साथ ही ब्रज की गोपियां भी स्नान करने पहुंची थीं। स्नान के दौरान ही उनकी श्रीकृष्ण से भेंट हुई थी। तब भगवान कृष्ण ने अपने रथ में बैठाकर और खुद चलाकर मथुरा ले गए थे।

भारत के साथ यहां भी दिखेगा सूर्य ग्रहण
हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। खगोलीय जानकारों के अनुसार, जब धरती सूरज की परिक्रमा करती है और चंद्रमा धरती की परिक्रमा करता है। जब सूर्य और धरती के बीच चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य की रोशनी को कुछ समय के लिए ढक लेता है। इसी घटना को सूर्यग्रहण कहा जाता है। सूर्यग्रहण भारत के साथ अन्य कई देशों में दिखाई देगा। भारत में इसका प्रभाव आंशिक रूप से रहेगा। यह ग्रहण पाकिस्तान, अफगानिस्तान, यूरोप और अफ्रीका के कुछ देशों उत्तरी हिंद महासागर, पश्चिमी एशिया आदि में ज्यादा समय तक दिखाई देगा। यह ग्रहण अफ्रीका के दक्षिणी-पूर्वी हिस्सों, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका महाद्वीपों से दिखाई नहीं देगा।

ब्रह्मसरोवर कुरुक्षेत्र कैसे पहुंचें

कुरुक्षेत्र के आसपास या नजदीकी शहरों में कोई हवाई अड्डा नहीं है। इसलिए ब्रह्मसरोवर कुरुक्षेत्र में पहुंचने के लिए बस द्वारा, रेल द्वारा या फिर अपने वाहनों से ही संभव है। दिल्ली से कुरुक्षेत्र 160 किलोमीटर है। रेल द्वारा कुरुक्षेत्र जंक्शन पर पहुंच सकते हैं। यह रेलवे स्टेशन दिल्ली-अंबाला रेलवे लाइन पर स्थित है। कुरुक्षेत्र देश के सभी महत्वपूर्ण कस्बों और बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। उसके अलावा यहां शताब्दी एक्सप्रेस रुकती है। जिसकी सहायता से आप आ सकते हैं।

सड़क मार्ग से ब्रह्म सरोवर कुरुक्षेत्र
हरियाणा राज्य की रोडवेज बसें एव दूसरे राज्य निगम की बसें कुरुक्षेत्र को दिल्ली, चंडीगढ़, अमृतसर आदि महत्वपूर्ण शहरों से जोड़ती हैं। यहां से दिल्ली 160, अंबाला 40 और करनाल 39 किलोमीटर दूर है। उसके अलावा कुरुक्षेत्र पिपली से 6 किमी दूर है। जो यात्री अपने वाहनों से आएंगे, उनके वाहनों के लिए शहर के चारों ओर संपर्क मार्गों पर अस्थायी पार्किंग बनाई गई हैं। सूर्य ग्रहण मेला कुरुक्षेत्र दर्शन मोबाइल ऐप पर देखा जा सकेगा। इस एप पर सूर्यग्रहण मेले से संबंधित तमाम अहम जानकारियां अपलोड कर दी गई हैं। इस ऐप पर कुरुक्षेत्र कैसे पहुंचें, कुरुक्षेत्र का इतिहास, पर्यटन स्थल और 48 कोस के तीर्थों का पूरा इतिहास देखा जा सकेगा। सरोवर के साथ-साथ आसपास के सरोवरों में स्नान करने के लिए पहुंचेंगे। इस मोबाइल ऐप को कुरुक्षेत्रा.एनआईसी.इन से भी लिंक कर दिया गया है। इस साइट पर जाने के बाद कुरुक्षेत्र दर्शन मोबाइल ऐप को देखा जा सकेगा। यह ऐप एक एंड्रॉयड ऐप है।