Mandi Shivratri Mela 2023: हिमाचल में देवताओं और लोगों के मिलन, 25 तक चलेगा शिवरात्रि का जश्न

महाशिवरात्रि का त्योहार आपने शनिवार को मना लिया होगा, पर हिमाचल प्रदेश के मंडी में शिवरात्रि का जश्न अभी जारी है। हिमाचल की संस्कृति की तरह मंडी की शिवरात्रि कई मायनों में अनोखी है। हिमाचल और खासकर मंडी के हर गांव के अपने अलग देवता होते हैं। इन्हीं देवताओं की जलेव शिवरात्रि में पहुंचती है और इसे खास बना देती है। देवताओं और लोगों के मिलन का यह महोत्सव इसे खास बना देता है। इस बार मेले में 127 से अधिक देवी-देवता पहुंचे हैं।

25 फरवरी तक चलेगा अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव

इस साल मंडी का अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव 25 फरवरी तक चलेगा। मंडी शहर के राज देव माधव राय की पालकी से महोत्सव की शुरुआत होती है। इसी के जरिए भूतनाथ मंदिर में भगवान शिव को न्योता दिया जाता है। महोत्सव में कमरुनाग देवता सबसे पहले आते हैं। इस मेले को शैव, वैष्णव और लोक देवता का संगम माना जाता है। अगले 7 दिन तक मेला चलता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस मेले में शामिल होने के लिए पर्यटकों की भी काफी दिलचस्पी रहती है।

मंडी महाशिवारत्रि मेले का इतिहास
लोगों का मानना है कि 1788 में मंडी के राजा ईश्वरी सेन कांगड़ा के महाराजा संसार चंद की कैद से आजाद हुए थे। स्थानीय लोग अपने देवताओं के साथ मंडी पहुंचे। राजा की रिहाई और शिवरात्रि का एकसाथ जश्न मनाया गया। इसी तरह मंडी के शिवरात्रि महोत्सव की शुरुआत हुई। हालांकि, इससे जुड़ी और भी कई कहानियां मशहूर हैं।