ओम जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे। भक्तजनों के कारण, उनके कष्ट निवारण॥
शिरडी में अवतरे, ओम जय साईं हरे॥ ओम जय साईं हरे॥
दुखियन के सब कष्टन काजे, शिरडी में प्रभु आप विराजे। फूलों की गल माला राजे, कफनी, शैला सुन्दर साजे॥
कारज सब के करें, ओम जय साईं हरे ॥ ओम जय…॥
काकड़ आरत भक्तन गावें, गुरु शयन को चावड़ी जावें। सब रोगों को उदी भगावे, गुरु फकीरा हमको भावे॥
भक्तन भक्ति करें, ओम जय साईं हरे ॥ ओम जय…॥
हिन्दु मुस्लिम सिक्ख इसाईं, बौद्ध जैन सब भाई भाई। रक्षा करते बाबा साईं, शरण गहे जब द्वारिकामाई॥
अविरल धूनि जरे, ओम जय साईं हरे ॥ ओम जय…॥
भक्तों में प्रिय शामा भावे, हेमडजी से चरित लिखावे। गुरुवार की संध्या आवे, शिव, साईं के दोहे गावे॥
अंखियन प्रेम झरे, ओम जय साईं हरे ॥ ओम जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।।
ओम जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे। शिरडी साईं हरे, बाबा ओम जय साईं हरे॥
श्री सद्गुरु साईंनाथ महाराज की जय॥