Siddha Kunjika Stotram Lyrics: सिद्ध कुंजिका स्तोत्र , इस पाठ से सभी मनोकामनाएं होगी पूरी

सिद्ध कुञ्जिका स्तोत्रम् (Siddha Kunjika Stotram): नवरात्रि में कुंजिका स्तोत्र का पाठ करना बहुक ही कल्याणकारी माना जाता है। इस स्रोत का पाठ करने से मनुष्य को कठिन से कठिन परिस्थितियों से बाहर आ जाता है। मां दुर्गा को हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली देवी माना गया है। मां दुर्गा को आदि शक्ति भी कहा जाता है। कहते हैं जो व्यक्ति नवरात्रि में मां दुर्गा का विधि विधान से पूजन करता है मां उसके सभी संकट हर लेती हैं। ऐसे में अगर आप सिद्धकुंजिका स्तोत्र का पाठ करते हैं तो आपको खूब फल मिलेगा।

सिद्धकुंजिका स्तोत्र
श्रृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डिजाप: शुभो भवेत्
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्
न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम्
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्
अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम्
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्
पाठमात्रेण संसिद्धयेत् कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्
नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि
नम: कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि
नमस्ते शुम्भहन्त्रयै च निशुम्भासुरघातिनि
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे
ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तुते
चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी
विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मन्त्ररूपिणि
धां धीं धूं धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु
हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी
भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नम:
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा
सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धि कुरुष्व मे
इदं तु कुंजिकास्तोत्रं मन्त्रजागर्तिहेतवे
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति
यस्तु कुंजिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत्
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा