सियारानी का अचल सुहाग रहे – भजन (Bhajan: Siyarani Ka Achal Suhag Rahe)
मेरे मिथिला देश में, आओ दूल्हा भेष । ताते यही उपासना, चाहिए हमें हमेशा ॥सियारानी का अचल सुहाग रहे । मैया रानी का अचल सुहाग रहे । राजा राम जी के सिर पर ताज रहे ॥ जब तक पृथ्वी अहिषीश रहे । नभ में शशि सूर्य प्रकाश रहे । गंगा जमुना की धार रहे । … Read more