सवारिये ने भूलूं न एक घडी: भजन (Sanwariye Ne Bhule Naa Ek Ghadi)
पूरन ब्रह्म पूरन ज्ञान है घाट माई, सो आयो रहा आनन्द और सुनी मुनि जन, पढ़त वेद शास्त्र अंग मारी जनम गोकुल मे घटे मिटत सब दुःख दुःख आज को आनंद आनंद आनंद आज ही आनंद आनंद आनंदमथुरा नगर मे, जनम पायो हो मथुरा नगर मे, जनम पायो हो खेलत खेले गोकुल री गली सवारिये … Read more