Somwar Shiv Aarti : सोमवार की आरती, हे सोमदेव अविनाशी, प्रभु राखो लाज हमारी…

हे सोमदेव अविनाशी, प्रभु राखो लाज हमारी
मैं दुखिया शरण तुम्हारी, दे चंद्रदेव बलधारी
हे देव जगत निर्मोही, मुझको बड़ा सताए।
कदम-कदम पर मुश्किल, अब तो सहा न जाए।।

क्या करूं कुछ समझ ना आए ऐसी है लाचारी।
हे सोमदेव हे अविनाशी मैं दुखिया शरण तिहारी।।
मुश्किल है इन भीषण दुखों में जीना।
फटा जाए दुखों से हाय मेरा सीना

बुद्धि रही चकराय, है सुधबुध सभी बिसारी।
हे महादेव अविनाशी, मैं दुखिया शरण तुम्हारी

काम क्रोध मद लोभ ने बड़ा भरमाया।
दिनों के फेर ने मुझको बड़ा सताया।।
टूट चुका हूं हे मेरे प्रभु जीवन बाजी हारी।
हे सोमदेव अविनाशी, मैं दुखिया शरण तुम्हारी

हे प्रभु सोमेश्वर अपना दरश दिशा दो।
कृपा करो हे ईश्वर सारे कष्ट मिटा दो।।
आया हूं प्रभु शरण में राखों लाज हमारी
हे सोमदेव अविनाशी, मैं दुखिया शरण तुम्हारी।।